Bholenath Ki Aarti | भोलेनाथ की आरती

Bholenath Ki Aarti | भोलेनाथ की आरती
Bholenath Ki Aarti | भोलेनाथ की आरती

Bholenath Ki Aarti Bholenath Ki Aarti Lyrics महादेव जी की आरती श्री शिव जी की पूजा अर्चना के समय या श्री शिव जी के व्रत उपवास या सोमवार व्रत में की जाती हैं ! महादेव जी की आरती नियमित रूप से पाठ करने पर श्री शिव जी को ख़ुश किया जा सकता हैं ! Bholenath Ki Aarti के बारे में बताने जा रहे हैं |

Bholenath Ki Aarti

अभयदान दीजै दयालु प्रभु, सकल सृष्टि के हितकारी।

भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन, भवभंजन शुभ सुखकारी॥

दीनदयालु कृपालु कालरिपु, अलखनिरंजन शिव योगी।

मंगल रूप अनूप छबीले, अखिल भुवन के तुम भोगी॥

वाम अंग अति रंगरस-भीने, उमा वदन की छवि न्यारी। भोलेनाथ

असुर निकंदन, सब दु:खभंजन, वेद बखाने जग जाने।

रुण्डमाल, गल व्याल, भाल-शशि, नीलकण्ठ शोभा साने॥

गंगाधर, त्रिसूलधर, विषधर, बाघम्बर, गिरिचारी। भोलेनाथ ..

यह भवसागर अति अगाध है पार उतर कैसे बूझे।

ग्राह मगर बहु कच्छप छाये, मार्ग कहो कैसे सूझे॥

नाम तुम्हारा नौका निर्मल, तुम केवट शिव अधिकारी। भोलेनाथ ..

मैं जानूँ तुम सद्गुणसागर, अवगुण मेरे सब हरियो।

किंकर की विनती सुन स्वामी, सब अपराध क्षमा करियो॥

तुम तो सकल विश्व के स्वामी, मैं हूं प्राणी संसारी। भोलेनाथ ..

काम, क्रोध, लोभ अति दारुण इनसे मेरो वश नाहीं।

द्रोह, मोह, मद संग न छोडै आन देत नहिं तुम तांई॥

क्षुधा-तृषा नित लगी रहत है, बढी विषय तृष्णा भारी। भोलेनाथ ..

तुम ही शिवजी कर्ता-हर्ता, तुम ही जग के रखवारे।

तुम ही गगन मगन पुनि पृथ्वी पर्वतपुत्री प्यारे॥

तुम ही पवन हुताशन शिवजी, तुम ही रवि-शशि तमहारी। भोलेनाथ

पशुपति अजर, अमर, अमरेश्वर योगेश्वर शिव गोस्वामी।

वृषभारूढ, गूढ गुरु गिरिपति, गिरिजावल्लभ निष्कामी।

सुषमासागर रूप उजागर, गावत हैं सब नरनारी। भोलेनाथ ..

महादेव देवों के अधिपति, फणिपति-भूषण अति साजै।

दीप्त ललाट लाल दोउ लोचन, आनत ही दु:ख भाजै।

परम प्रसिद्ध, पुनीत, पुरातन, महिमा त्रिभुवन-विस्तारी। भोलेनाथ ..

ब्रह्मा, विष्णु, महेश, शेष मुनि नारद आदि करत सेवा।

सबकी इच्छा पूरन करते, नाथ सनातन हर देवा॥

भक्ति, मुक्ति के दाता शंकर, नित्य-निरंतर सुखकारी। भोलेनाथ ..

महिमा इष्ट महेश्वर को जो सीखे, सुने, नित्य गावै।

अष्टसिद्धि-नवनिधि-सुख-सम्पत्ति स्वामीभक्ति मुक्ति पावै॥

श्रीअहिभूषण प्रसन्न होकर कृपा कीजिये त्रिपुरारी। भोलेनाथ

Shiv Ji Aarti In English

Om Jai Shiv Omkara, Prabhu Har Shiv Omkara,
Bhramha, Vishnu, Sdashiva, Arddhaangee Dhara. Om Jai…

Ekanana, Chaturanna, Panchana Raje, Swami Panchana Raje,
Hansanan, Gharurasna… Vrishvahan saje. Om Jai…

Do Bhuj Char Chatur Bhuj, Das Bhuj Te Sohe, Swami Das Bhuj Te Sohe,
Teenoo Rupa Nirakhta… Trivuban Mann Mohe. Om Jai…

Akshamala Vanamala, Mundmala Dhari, Swami Mundmala Dhari,
Chandan Mirgamand Chanda… Bhole Shubh Kari. Om Jai…

Shwetambar, Pitambar, Bhagambar Ange, Swami Bhagambar Ange,
Bhramhadik, Santaadik… Bhootaadik Sanghe. Om Jai…

Kar Madhya Ch’Kamandalu Chakra Trishool Dharta, Swami Chakra Trishool Dharta,
Jag Karta Jag Harta Jag Palan Karta. Om Jai…

Brahma, Vishnu, Sadashiv, Janat Aviveka, Swami Janat Aviveka,
Pranvakshar Ke Madhye, Ye Teeno Eka. Om Jai…

Trigunswamiji Ki Aarti Jo Koi Jan Gaave, Swami Jo Koi Jan Gaave
Kahat Shivanand Swami, Manvanchhit Phal Paave. Om Jai…

यह भी जानें:

बोलेनाथ का अर्थ क्या है?

भोलेनाथ (या बोलेनाथ, भोले नाथ) (संस्कृत: भोलेनाथ, भोलेनाथ) हिंदू भगवान शिव के नामों में से एक है। इस नाम का अनुवाद सादगी और सरल लोगों (भोले) के भगवान ( नाथ) है। भोलेनाथ: ‘भोला’ (हिंदी) शब्द का अर्थ है – मासूम, सरल, जमीन से जुड़ा हुआ।

भोलेनाथ की राशि क्या है?

भोलेनाथ नाम की राशि धनु होती है।

भोलेनाथ के बच्चे कितने हैं?

वैसे तो अध‍िकतर श‍िव भक्‍त भोलेनाथ के परिवार में दो पुत्र जानते हैं – कार्तिकेय और गणेश। लेकिन कम ही लोगों को ज्ञात होगा कि भगवान श‍िव की दरअसल 6 संतानें हैं। इनमें तीन पुत्र हैं और इन्‍हीं के साथ उनकी 3 पुत्र‍ियां भी हैं। इनका वर्णन श‍िव पुराण में मिलता है।

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