Aarti Shani Dev ji ki | आरती शनिदेव जी की
Shani Dev Ji Ki Aarti | Shri Shani Dev ji ki Aarti | शनि देव जी की आरती : दोस्तों, अगर आप Shani Dev Ki Aarti की तलाश कर रहे हैं तो आप सही जगह पर पहुंचे हैं। इस लेख में आपको Shani Dev Ki Aarti हिंदी में मिलेगी। Shani Dev Ji Ki Aarti
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
Shani Dev Maharaj Mi Aarti
Shani Dev Ji Aarti In English
Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitakari.
Suraj Ke Putra Prabhu Chhaya Mahatari.
Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitakari.
Shyam Ang Vakra-Drishti Chaturbhuja Dhaari.
Nilambar Dhaar Nath Gaj Ki Asawari.
Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitakari.
Kreet Mukut Shish Sahaj Dipat Hai Lilari.
Muktan Ki Maal Gale Shobhit Balihari.
Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitakari.
Modak Aur Mishthan Chade, Chadati Paan Supari.
Loha, Til, Tel, Udad Mahishi Hai Ati Pyari.
Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitakari.
Dev Danuj Rishi Muni Sumirat Nar Naari.
Vishvnath Dharat Dhyan Ham Hai Sharan Tumhari.
Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitakari…
Shani Dev Ki Aarti
शनि देव का एकाक्षरी मंत्र ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
पूजा की शुरुआत दीप जलाकर और गणेश जी से प्रार्थना करके करें । शनिदेव को काले तिल अर्पित करें। हनुमान और भगवान शिव को फूल और पूजा अर्पित करें। पूजा के अंत में शनि गायत्री मंत्र का इक्कीस बार जाप करें।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव को श्राप मिला था कि वह जिसे भी देखेंगे, उसका अनिष्ट यानी बुरा हो जाएगा. यही वजह है कि शनिदेव (Shani Dev) की दृष्टि सीधे तौर पर हमारे जीवन पर ना पड़े इसलिए शनिदेव की तस्वीर या मूर्ति को घर के मंदिर में रखना सही नहीं माना जाता
शनिदेव को नीले फूल, काला कपड़ा, काली उड़द और काले तिल चढ़ाएं। साथ ही मीठी पुरी का भोग भी लगाएं। – इसके बाद काली तुलसी की माला से ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें। जय-जय श्रीशनिदेव भक्तन हितकारी।
प्रातः काल सुबह 7:00 बजे से ही सर्वार्थ सिद्धि योग होने के कारण सुबह-सुबह किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करके या घर पर ही गंगाजल डालकर स्नान करके शनिदेव के मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होगा. इस दिन शनि देव को सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए |