Surya Dev Ki Aarti | Surya Dev Mantra सूर्य आरती श्री सूर्यदेव की आरती Surya Dev Ki Aarti | सूर्य नारायण की आरती हिंदी में Surya aarti lyrics सूर्य देवता की कृपा से ही इस धरा पर जीवन संभव है. वे इस धरती के समस्त प्राणियों को जीवन प्रदान करतें हैं. सूर्य देव की कृपा से ही समस्त प्राणियों का पालन-पोषण होता है.
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ॥
जगत् के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा । धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय सूर्य भगवान ॥
1. ॐ हृां मित्राय नम: अगर आप अच्छी सेहत पाना चाहते हैं और चाहते हैं कि आपकी कार्य करने की क्षमता बढ़ जाए, तो आप सूर्य देव के पहले मंत्र का जाप उन्हें अर्घ देते समय नियमित रूप से करें.
2. ॐ हृीं रवये नम: अगर आप क्षय व्याधि से परेशान हैं और अपने शरीर का रक्त संचार ठीक करना चाहते हैं, तो सूर्य देव के सामने खड़े होकर इस मंत्र का जाप करें. इससे कफ आदि से जुड़े रोग भी दूर होते हैं.
3. ॐ हूं सूर्याय नम: मानसिक शांति के लिए सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे बुद्धि में भी वृद्धि होती है.
4. ॐ ह्रां भानवे नम: मूत्राशय से जुड़ी समस्याओं के लिए आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.
5. ॐ हृों खगाय नम: मलाशय से संबंधित समस्या के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके जाप से बुद्धि का विकास होता हैं और शरीर का बल भी बढ़ता है.
6. ॐ हृ: पूषणे नम: आप अपना बल और धैर्य बढ़ाना चाहते हैं, तो इस मंत्र का जाप करें. इससे मनुष्य का मन धार्मिक कर्मों में भी लगता है.
7. ॐ ह्रां हिरण्यगर्भाय नमः इस मंत्र का लाभ छात्रों को विशेष रूप से मिलता है. इसके जाप से शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक शक्तियां विकसित होती हैं.
8. ॐ मरीचये नमः इस मंत्र के जाप से मनुष्य स्वस्थ काया प्राप्त करता है. इससे मनुष्य को कोई रोग नहीं होते.
9. ॐ आदित्याय नमः इस मंत्र का जाप करने से बुद्धि तीव्र होती है और आर्थिक समस्या दूर होती है.
10. ॐ सवित्रे नमः इस मंत्र के जाप से मनुष्य का मान-सम्मान बढ़ता है. साथ ही सूर्य देव की विशेष कृपा बनी रहती है. इसके अलावा मनुष्य की कल्पनाशक्ति भी बढ़ती है.
11. ॐ अर्काय नमः यदि आप वेदों के रहस्य को जानना चाहते हैं तो इस मंत्र का जाप लाभदायक हो सकता है. इसके अलावा इस मंत्र के जाप से मन दृढ़ होता है. जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं.
12. ॐ भास्कराय नमः इस मंत्र के जाप से आंतरिक और बाहरी शरीर स्वच्छ रहता है. साथ ही मन भी प्रसन्न रहता है.
कैसे करें सूर्य आरती का जाप?
सूर्य आरती किसी भी दिन की जा सकती है.
प्रातः काल का समय सूर्य आरती के लिए अत्यंत उत्तम है.
आप सायं काल को भी अस्त होते सूर्य की आरती कर सकतें हैं.
सूर्य उदय का समय सूर्य आरती के लिए सबसे उत्तम होता है.
किसी सरोवर या नदी में स्नान करके सूर्य भगवान् को अर्घ देने के पश्चात सूर्य आरती करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है.
प्रातः काल को स्नान करने के पश्चात सूर्य देव को जल से अर्घ दें.
उसके पश्चात सूर्य देव की आरती करें.
सूर्य देव की आरती पूर्ण श्रद्धा और बिस्वास के साथ करें.
अगर आप रविवार को सूर्य देव को प्रातः काल में अर्घ देकर सूर्य भगवान् की आरती करतें हैं तो यह अत्यंत शुभ होता है.
यदि आप सूर्य देव को सच्चे मन से ध्याते हो तो निश्चित ही सूर्य देव प्रसन्न होकर आपको सुख-समृद्धि और सेहत का आशीर्वाद प्रदान करेंगे तथा आपके जीवन से हर प्रकार के रोगों, कष्टों तथा दुखों का नाश कर देंगे | जैसा की हम सभी जानते हैं कि विश्व में जीवन का संचार सूर्य देव द्वारा ही किया जाता है तो यदि आप नित्य प्रति प्रातः काल में उगते सूरज को जल चढ़ाएँगे तथा सूर्य आरती का पाठ करेंगे तो निश्चित ही दिन दोगुनी, रात चौगुनी उन्नति करेंगे | सूर्य देव को इस विश्व की आत्मा माना गया है इसलिए सूर्यदेव की उपासना करने से यश तथा कीर्ति बढ़ती है | नित्य सूर्यदेव आरती का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि आती है तथा हर कार्य में सफलता भी प्राप्त होती है | सूर्य देव की उपासना करते समय सूर्य चालीसा तथा सूर्य आरती का पाठ करना बहुत ही लाभदायक माना गया है इससे आपके दांपत्य जीवन में खुशहाली का प्रसार होता है यह आरती गाने से हर तरह की सुख-संपत्ति और पुत्र – पुत्री की प्राप्ति की कामना को भी पूर्ण करता है |
सूर्य आरती का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं ?
श्री सूर्य आरती का श्रद्धा से पाठ करने पर सूर्यदेव की कृपा प्राप्ति होती है | नित्य प्रति प्रातः काल में स्नान करने के पश्चात् सूर्यदेव को जल का अर्घ देने के पश्चात सूर्य चालीसा तथा सूर्य आरती करने से व्यक्ति को जीवन सफलता प्राप्त होती है वह सकारात्मकता से ओतप्रोत रहता है तथा अज्ञानता उससे कोसों दूर रहती है |